महिलाओं
एवं शिशुओं
के स्वास्थ्य
की
रक्षा करने
में अन्तराल
विधियों
का महत्व
20
वर्ष की उम्र
से पहले व
35 वर्ष के बाद
मॉं न बनने
व दो बच्चों
के जन्म
के बीच उचित
अन्तराल
रखने की सलाह,
प्रायः प्रत्येक
स्वास्थ्य
कार्यकर्ता,
सन्तानोत्पति
योग्य दम्पतियों
को देते रहते
हैं। दो शिशुओं
के जन्मों
के बीच अन्तर
रखने के लिए
समय-समय पर
प्रचलित
अनेक अन्तराल
विधियों
की चर्चा
करते रहे
हैं, जिनमें
से वर्तमान
में प्रचलित
साधन हैं
कॉपर टी खाने
की गोलियॉं
और निरोध
इत्यादी।
किन्तु
जन साधारण,
स्वास्थ्य
शिक्षा के
इस सन्देश
को प्रायः
परिवार नियोजन
कार्यक्रम
का प्रचार
मान कर, मॉं
व शिशु की
स्वास्थ्य
रक्षा में
इन विधियों
की महत्वपूर्ण
भूमिका की
तरफ ध्यान
नहीं दे पाता।
अतः
आवश्यकता
इस बात की
है कि हम मॉं
और शिशु के
स्वास्थ्य
में सुधार
करने के लिए
इन अन्तराल
विधियों
के बारे में
जानें।
कंडोम:-
कंडोम,
गर्भनिरोध
का प्रभावी
एवं सरल अंतराल
उपाय है।
गर्भाधान
रोकने के
अलावा कंडोम
पुरूष एवं
महिला, दोनो
की यौन संचारित
रोग/ एच.आई.वी.
से भी रक्षा
करता है।
कंडोम रबड
का पतला झिल्लीनुमा
आवरण है जिसे
सहवास से
पूर्व उत्तेजित
लिंग पर चढाया
जाता है।
स्खलित
वीर्य के
लिए स्थान
बनाने हेतु
इसे लिंग
पर चढाने
के बाद इसके
सिरे को दबाकर
हवा निकाल
देनी चाहिए
ओर सहवास
के बाद योनि
से लिंग निकालकर
कंडोम उतार
देना चाहिए
ताकि वीर्य
छलककर योनि
में न गिर
जाए। प्रत्येक
बार योन संम्पर्क
करने पर नया
कंडोम इस्तेमाल
करना चाहिए।
कंडोम गर्भ
रोकने में
असफल भी हा
सकता है,
यदि-
-
इसे
लिंग पर
सही ढंग
से चढाया
न गया हो।
-
स्खलन
के तुरंत
बाद लिंग
को यदि योनि
से बाहर
न निकाला
जाए ता कंडोम
ढीला पड
जाता है
ओर वीर्य
छलक कर योनि
में गिर
सकता है।
-
कंडोम
फट जाए अथवा
उसमें छेद
हो जाए और
वीर्य बाहर
निकल जाए।
खाने
की गोलियॉं:-
ये
गोलियॉं
बच्चा देर
से चाहने
वाली अथवा
दूसरे बच्चों
के जन्म
में अंतर
रखने की इच्छुक
युवा महिलाओं
के लिए आसान,
सुरक्षित,
प्रभावी
तथा प्रतिवर्ती
गर्भ निरोधक
है। यह गोली
अल्प मात्रा
में गाढा
ग्रीवा श्लेष्मा
तैयार कर
अंडाशय से
डिम्ब का
निकलना रोकती
हैं और शुक्राणुओं
के प्रवेश
में बाधा
उत्पन्न
करती है।
गर्भ निरोधक
गोली माहवारी
शुरू होने
के 5 वें दिन
से 21 दिन तक
हर रोज एक
खानी होती
है। इसके
बाद अगली
माहवारी
क दौरान 7 दिन
तक इसे नही
खाना होता।
यह गोली हर
रोज नियत
समय अर्थात
रात को सोने
से पूर्व
खाना उचित
है। यदि गोली
खाना भूल
जाएं तो याद
आते ही शीघ्र
खा लेनी चाहिए
अगले दिन
की गोली पहले
की तरह नियत
समय पर खा
लेनी चाहिए।
माला-डी के
विभिन्न
ब्रांड सस्ते
दामों पर
बाजा में
भी उपलब्ध
हैं।
कॉपर-टी
(आई.यू.डी):-
आई.
यू.डी. पॉलिथिलीन
से बनी अंग्रेजी
के टी आकार
की एक छोटी
आकृति है
जिसमें इसके
खडे भाग पर
तांबे की
तार लिपटी
होती है और
इसके निचले
भाग पर धागा
जुडा होता
है। कॉपर
टी 3-4 साल की
अवधि तक गर्भधारण
रोकती है।
सरकार अपने
विभिन्न
स्वास्थ्य
केन्द्रों
के माध्यम
से निःशुल्क
कॉपर टी सप्लाई
करती है।
शिशुओं के
स्वास्थ्य
को उन्नत
करने के उद्देश्य
से प्रत्येक
सन्तान
उत्पति
योग्य दम्पति
को दो शिशुओं
के जन्म
के बीच उचित
रखने के लिए
प्रचलित
विधियों
में से अपनी
सुविधानुसार
चुनाव कर
किसी एक विधि
का प्रयोग
करना चाहिए
अन्तराल
विधियों
दम्पति
को यह फैंसला
करने में
मदद करती
है किः-
और
इस प्रकार
ये विधियॉं
नियोजन का
ही नही बल्कि
महिलाओं
एवं शिशुओं
के स्वास्थ्य
उन्नत करने
व उनमें होने
वाली मृत्यु
रोकने का
सशक्त माध्यम
हैं।
आपातकालीन
गर्भ निरोधक:-
निम्नांकित
परिस्थितियों में उपयोग में ली जा सकती है:-
-
असुक्षित
यौन सम्बन्ध
-
बलात्कार
-
अन्तराल
विधि की
असफलता
इसमें
48 घण्टे के
अन्दर दो
गर्भ निरोधक
गोलियॉं
तुरन्त
लेनी चाहिए
एवं उसके
12 घण्टे बाद
दो गोलियॉं
और लेनी चाहिए।
राजस्थान
सरकार द्वारा
आपातकालीन
गर्भ निरोधक
गोलियॉं
समस्त सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
एवं प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्रो
पर निःशुल्क
उपलब्ध
हैं।
इन्जेक्टेबल:-
ये
इन्जेक्शन
(सुई) है जिसमें
DMPA (Depot
Medroxy Progesterone Acetate)
होता है।
जिसे महिलाओं
को हर तीन
माह में एक
बार लेना
पडता है।
ये इन्जेक्शन
महिलाओं
के शरीर में
बनने वाले
अंडो के निर्माण
को रोकता
है। इसलिए
इनके लगने
के बाद संभोग
करने पर भी
महिला गर्भ
धारण नहीं
कर पाती।
इनका लेना
बन्द करने
पर शरीर में
अंडो का निर्माण फिर
प्रारम्भ
हो जाता है
और वह पुनः
मॉं बन सकती
है।
कोई
भी महिला
इसका उपयोग
कर सकती है,
परन्तु
जो महिला
पिछले डेढ
माह में मॉं
बनी है और
स्तनपान
करा रही है,
उनके लिये
यह विशेष
रूप से उपयुक्त
है अगर इन्हे
नियमित रूप
से लिया जाये
तो ये काफी
सुरक्षित
और 99 प्रतिशत
प्रभावी
है। महिलाओं
के लिये यह
एक सरल उपाय
है, तथा इसके
लगवाने के
बारे में
किसी को भी
पता नहीं
चलता है, तथा
इसके द्वारा
वह अपनी इच्छानुसार
बच्चों
में अन्तर
रखने में
सक्षम होती
है।
यह
काफी किफायती
उपाय है तथा
संभोग में
इसके कारण
कोई बाधा
नहीं पडती
है। मासिक
धर्म के सात
दिन के अन्दर
ये इन्जेक्शन
लेना चाहिए।
इसे हर तीन
माह लगातार
लेना चाहिए।
जब तक अगला
बच्चा नहीं
चाहें,
इस सिलसिले
का जारी रखना
चाहिए यह
इन्जेक्शन
किसी प्रशिक्षित
से ही लगवाना
चाहिए।