तीव्र श्‍वसन रोग

तीव्र श्‍वसन रोग क्‍या है?

श्‍वसन तंत्र का तीव्र संक्रमण नवजात एवं 5 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों की मृत्‍यु का प्रमुख कारण है। अधिकांश ए.आर.आई. (तीव्र श्‍वसन रोग) निश्चित समय में स्‍वयं ठीक हो जाते हैं। श्‍वास लेने में सहायक अंग जैसे-नाक,  गला,  श्‍वास नली,  फेंफडे एवं कान आदि अंगो के संक्रमण जिसमें श्‍वास लेने में भी कठिनाई हो सकती है,  को तीव्र श्‍वसन रोग कहते है जुकाम गले में खराश, खांसी, श्‍वसन नली संक्रमण, निमोनिया एवं कान का संक्रमण, साइनोसाइटिस आदि तीव्र श्‍वसन रोगों की श्रेणी में आने वाली प्रमुख बीमारियॉं हैं।

लक्षण:-

  • बच्‍चे के नाक से पानी बहना/ नाक बन्‍द होना।

  • खांसी होना।

  • पसलियां चलना।

  • कान में दर्द अथवा कान में से मवाद आना।

  • गले में खराश होना।

  • श्‍वास की गति तेज होना एवं श्‍वास लेने में कठिनाई होना।

  • बुखार।

पीडित बच्‍चें की सही देखभाल कैसे करें?

बच्‍चों में खांसी/ लू एक विषाणु जनित रोग है जो एक निश्चित अवधि ( सामान्‍यतया 4 दिन से 14 दिन)के बाद अपने आप ठीक हो जाता है अतः रोग से पीडित बच्‍चे को उचित देखभाल की ज्‍यादा आवश्‍यकता होती है। इसके अतिरिक्‍त खांसी, गले में खराश, बन्‍द नाक अथवा साधारण बुखार के लिये सामान्‍य घरेलू उपचार पर्याप्‍त है।

 

(अ) सामान्‍य देखभाल:-

  • बच्‍चें को आराम करने व अच्‍छी नींद लेने के लिए उसकी सहायता करना।

  • बच्‍चे को पीन के लिये घर में उपलब्‍ध पर्याप्‍त पेय पदार्थ दें।

  • बच्‍चें को अच्‍छा पौष्टिक आहार दे,  तथा स्‍तनपान करने वाले शिशु को मां स्‍तनपान कराती रहें।

  • बच्‍चें को ठन्‍ड से बचाये एवं सामान्‍य तापमान में रखें अधिक गर्मी उचित नहीं है।

  • खुले हवादार कमरे में रखें जिसमें पर्यात मात्रा में खिडकी व रोशनदान हो।

  • यदि बच्‍चे को बुखार हो तो पैरासिटामोल की उचित खुराक चिकित्‍सक/ स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ता के परामर्श से दें।

(ब) बन्‍द नाक के लिये उपचार:-

  • नाक साफ करने के लिये साफ व नरम कपडा अथवा रूई का प्रयोग करना चाहिये।

  • बच्‍चे को नाक सिनकने व साफ करने का तरीका समझाएं।

  • नाक में जमा स्‍त्राव को साफ करने के लिये नार्मल सेलाईन (नमक का पानी) की बूंदें नाक में टपकाएं ताकि जमा हुआ स्‍त्राव मुलायम हो जाऐ और उसे आसानी से साफ किया जा सके।

(स) गले में खराश के लिये उपचार:-

  • बच्‍चे को कोई खाद्य पदार्थ या चूसने को दें, इससे मूंह में लार पैदा होती है जो गले की खराबी को कम करने में मदद करती है।

  • गर्म पेय पीने को दे शहद व नींबू के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर देने से गले की खराश को कम करने में मदद मिलती है।

(द) खांसी के लिए उपचार:-

  • खांसी से राहत के लिये सबसे उचित तरीका तो यह है कि गले को पेय पदार्थ, या साधारण धरेलु उपचार में देय पेय पदार्थ से तर रखें।

बच्‍चे की पसली चलने, श्‍वास की गति तेज होन, श्‍वास लेने में कठिनाई होने, उसकी जीभ या होठ नीले पडने आदि की स्थिति में तुरन्‍त चिकित्‍सक से सम्‍पर्क करें।