राष्‍ट्रीय आयोडिन अल्‍पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम

भारत विश्‍व में आयोडिन की कमी से प्रभावित प्रमुख राष्‍ट्रों में से एक है। भारत में लगभग 7 करोड व्‍यक्ति आयोडिन की कमी से होने वाले विकारों से पीडित हैं। आयोडिन की कमी से बच्‍चे मंदबुद्वि, शारीरिक रूप से कमजारे, गूंगे-बहरे अथवा अपंग, महिलाओं में गर्भपात, वयस्‍कों में ऊर्जा की कमी, जल्‍दी थकावट आदि विकार हो सकते हैं। आयोडिन की पूर्ति नियमित रूप से आयोडिन युक्‍त नमक के सेवन से हो सकती है।

वर्ष 1992 में भारत सरकार ने राष्‍ट्रीय घेंघा नियंत्रण कार्यक्रम का नाम बदलकर राष्‍ट्रीय आयोडिन अल्‍पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम रख दिया। इसी वर्ष राज्‍य ने 5 सितम्‍बर, 1992 को आदेश जारी कर पी.एफ.ए.अधिनियम 1954 के अन्‍तर्गत आयोडिन रहित खाने योग्‍य नमक के प्रयोग पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दी। राज्‍य में 1993-94 में इस कार्यक्रम की शुरूआत निदेशालय चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में आई.डी.डी. सैल की स्‍थापना के साथ की गई।

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