गर्भ का चिकित्‍सकीय समापन अधिनियम,  1971

चिकित्‍सकीय गर्भ समापन:-

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाया जा सकता हैकानून कुछ विशेष परिस्थितियों में इसकी इजाजत देता है। स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं को चिकित्‍सकीय गर्भ समापन सेवाओं के बारे में जानना जरूरी है। वे जरूरतमन्‍द महिला को सही जानकारी दे सकते हैं इससे महिलाओं को नीम-हकीम के पास जाने से रोका जा सकता है।

हमारे देश में प्रतिवर्ष करीब 40 लाख महिलाऍं गर्भपात करवाती है। उन्‍हे नीम-हकीम के पास जाने से रोकना चाहिए और अधिकृत डॉक्‍टरों की सेवायें ही लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए इससे माताओं की मृत्‍यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी।

गर्भ समापन कानून:-

सरकार ने गर्भ समापन को आर्थिक, सामाजिक एवं मानवीय दृष्टिकोण से  देखा है और इसे एक कल्‍याणकारी कदम माना है। इसलिये सन् 1971 में चिकित्‍सकीय गर्भ समापन कानून बनाया गया है तथा वर्ष 2002 में कानून में आवश्‍यक संशोधन किये गये हैं। इस कानून के अन्‍तर्गत महिलायें कुछ विशेष परिस्थितियों में सरकारी अस्‍पताल में या सरकार की ओर से अधिकृत किसी से भी चिकित्‍सा केन्‍द्र  में अधिकृत व प्रशिक्षित डॉक्‍टर द्वारा गर्भपात करा सकती है। गर्भ-समापन के लिये घर के किसी सदस्‍य की लिखित इजाजत की जरूरत नहीं होती है,  लेकिन 18 वर्ष से कम आयु की महिलाओं अथवा जिसने 18 वर्ष की आयु प्राप्‍त कर ली हो,   लेकिन जो पागल हो,  को माता-पिता या पति (यदि कोई नाबालिक लडकी की शादी हो गई हो) की लिखित इजाजत की जरूरत होती है। 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं का केवल स्‍वयं की लिखित स्‍वीकृति ही देनी जरूरी है।

गर्भ समापन की परिस्थितियॉं:-

यदि चिकित्‍सा-व्‍यवसायी / चिकित्‍सा व्‍यवसायियों न सद्भभावना पूर्वक यह राय कायम की हो कि:-

  • गर्भ के बने रहने से गर्भवती स्‍त्री  का जीवन जोखिम में पडेगा अथवा उसके शारिरीक या मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को गम्‍भीर क्षति की जाखिम होगी अथवा

  • यदि इस बात की पर्याप्‍त जोखिम है कि यदि बच्‍चा पैदा हुआ तो वह ऐसी शारीरकि या मानसिक असामान्‍यताओं से पीडित होगा कि वह गम्‍भीर रूप से विकलांग हो,  तो वह गर्भ रजिस्‍ट्रीकृत चिकित्‍सा-व्‍यवसायी द्वारा समाप्‍त किया जा सकेगा

सेवायें कहॉं व किससे:-

कानून में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि केवल सरकार द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त अस्‍पतालों में ही गर्भ समापन सेवायें प्राप्‍त की जा सकती हैं इन अस्‍पतालों में पूरी सुविधायें होने पर ही इन्‍हें इस काय्र के लिए अधिकृत किया जाता है।

  • प्रसूति विज्ञान और स्‍त्री रोग विज्ञान में स्‍नातकोतर डिग्री प्राप्‍त कर चुका हो।

  • प्रसूति विज्ञान ओर स्‍त्री रोग विज्ञान के व्‍यवसाय में तीन वर्ष का अनुभव हो।

  • वे डॉक्‍टर जिन्‍होंने प्रसूति विज्ञान एवं स्‍त्री रोग विज्ञान में छः महीने तक हाऊस जॉब किया हो या अधिकृत अस्‍पताल में गर्भ समापन का प्रशिक्षण लिया हो।

सेवाये निःशुल्‍क एवं गोपनीय:-

सरकार द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त सरकारी अस्‍पताल में अधिकृत डॉक्‍टर द्वारा गर्भ समापन सेवायें निःशुल्‍क हैं। इन केन्‍द्रो में गर्भ समापन सम्‍बन्‍धी रिकार्ड गोपनीय रखे जाते हैं।

सावधानियॉं:-

गर्भपात कराने वाली माताओं का निम्‍न सावधानियॉं रखनी चाहिये:-

  • सरकारी अस्‍पताल अथवा सरकार द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त अस्‍पताल के अधिकृत डॉक्‍टर से ही सेवायें लें। किसी भी स्थिति में नीम हकीम के पास न जावें।

बार-बार गर्भपात करवाना हानिकारक है। इससे मॉं के स्‍वास्‍थ्‍य को खतरा भी हो सकता है। इसकी वजह से अगले बच्‍चे के जन्‍म के समय रक्‍त स्‍त्राव ओर दर्द की तकलीफ हो सकती है। इसे परिवार नियोजन का साधन नहीं समझना चाहिए।

  • यदि गर्भ समापन जरूरी है तो इसमें देरी नहीं करनी चाहिए।  12 सप्‍ताह के बाद गर्भपात कराया जाना जोखिमपूर्ण होता है इस हालत में पेट का ऑपरेशन करना होता है और यह दो डॉक्‍टरों की सलाह से ही किया जा सकता है। इस समय अस्‍पताल मे भर्ती भी रहना पडता है।

अनचाहे गर्भ से मुक्ति पानी हो तो गर्भ के पहले तीन महीनों में ही अधिकृत केन्‍द्र पर गर्भपात करा लें। इसमें देरी करना खतरनाक है।

आसान प्रक्रिया:-

जैसे ही महिला को गर्भ का ज्ञान हो, यह निश्चित कर लेना चाहिए कि क्‍या गर्भपात कराना है? यदि कोई महिला गर्भपात कराना चाहती है तो देरी करना ठीक नहीं।  12 सप्‍ताह तक के गर्भ को गिराना एक आसान प्रक्रिया है इसमें अस्‍पताल में नहीं रहना पडता है।

चिकित्‍सकीय गर्भ समापन अधिनियम, 1971 एवं संशोधित अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के अनुसार इस कानून का उल्‍लंघन करने पर 2 से 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। कुछ परिस्थितियॉं जिन्‍हे अधिनियम के अन्‍तर्गत कानून का उल्‍लंघन माना गया है,  निम्‍न प्रकार है:-

  • गैर पंजीकृत चिकित्‍सक द्वारा समापन का कार्य किया जाना।

  • सरकारी अस्‍पताल या सरकार की ओर से अधिकृत चिकित्‍सा केन्‍द्रो के अतिरिक्‍त किसी भी अन्‍य स्‍थान पर गर्भ समापन किया जाना।